Solar Pump Subsidy Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की खेती को सस्ती और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। Solar Pump Subsidy Yojana 2025 के तहत अब किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप बेहद कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना को प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM) से जोड़ा गया है। सरकार छोटे किसानों को 90% तक सब्सिडी और बड़े किसानों को 80% तक सब्सिडी देने की तैयारी में है।
किसानों पर से कम होगा आर्थिक बोझ
पहले सोलर पंप खरीदने के लिए किसानों को लागत का लगभग 40% अग्रिम भुगतान करना पड़ता था। लेकिन नई व्यवस्था में छोटे किसानों को केवल 10% और बड़े किसानों को 20% राशि देनी होगी। बाकी रकम सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए किसानों के बैंक खाते में सब्सिडी के रूप में भेज दी जाएगी। इससे किसानों पर वित्तीय दबाव काफी कम होगा और वे आसानी से आधुनिक सिंचाई तकनीक अपना सकेंगे।
आय बढ़ाने में मदद करेगा सोलर पंप
सोलर पंप से किसानों को कई फायदे मिलेंगे। सबसे बड़ा लाभ यह है कि डीजल और बिजली पर होने वाला खर्च लगभग खत्म हो जाएगा, जिससे सिंचाई की लागत घटेगी। यह तकनीक पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल है और प्रदूषण कम करने में भी मदद करेगी। सरकार का मानना है कि इससे किसानों की बचत बढ़ेगी और वे बचे हुए पैसे को दूसरी कृषि गतिविधियों में निवेश कर पाएंगे।
सब्सिडी दरों में बड़ा बदलाव
Solar Pump Subsidy Scheme अभी तक किसानों को इस योजना के तहत अधिकतम 60% तक सब्सिडी मिल रही थी। लेकिन राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही यह दरें बढ़ाकर छोटे किसानों के लिए 90% और बड़े किसानों के लिए 80% कर दी जाएंगी। सरकार का दावा है कि मंजूरी मिलते ही नई दरों का लाभ किसानों को तुरंत दिया जाएगा।
सस्ती कीमत पर मिलेंगे सोलर पंप
इस योजना में किसानों को 2 हॉर्स पावर से 10 हॉर्स पावर तक के सोलर पंप दिए जाएंगे। उदाहरण के लिए –
2 HP पंप की कीमत करीब ₹1.80 लाख है, लेकिन छोटे किसान को केवल ₹18,000 चुकाने होंगे।
5 HP पंप की कीमत करीब ₹4.80 लाख है, जिसमें किसान को सिर्फ ₹48,000 देना होगा।
इससे साफ है कि किसान कम लागत में उच्च क्षमता वाले सोलर पंप प्राप्त कर पाएंगे।
आवेदन प्रक्रिया होगी आसान और पारदर्शी
योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन से पहले खेत में नलकूप होना अनिवार्य है। चयन प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी। यदि आवेदनों की संख्या ज्यादा हुई तो लॉटरी प्रणाली से लाभार्थियों का चयन किया जाएगा।